दिल से तिरा ख़याल न जाए तो क्या करूँ
मैं क्या करूँ कोई न बताए तो क्या करूँ
उम्मीद-ए-दिल-नशीं सही दुनिया हसीं सही
तेरे बग़ैर कुछ भी न भाए तो क्या करूँ
दिल को ख़ुदा की याद तले भी दबा चुका
कम-बख़्त फिर भी चैन न पाए तो क्या करूँ
दिल से तिरा ख़याल न जाए तो क्या करूँ मैं क्या करूँ कोई न बताए तो क्या करूँ उम्मीद-ए-दिल-नशीं सही दुनिया हसीं सही तेरे बग़ैर कुछ भी न भाए...
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